जीवनी
जन्म 24 मई 1986 को मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। उन्होंने एमबीए की उपाधि प्राप्त की तत्पश्चात उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत अंगीकार कर सांसारिक सुखों को त्याग दिया। आदित्य सागर जी महाराज को जी को 08 नवम्बर 2011 में सागर में 25 वर्ष की आयु में आचार्य विशुद्ध सागर जी ने दीक्षा दी जो आचार्य विराग सागर जी के वंश के थे। मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज संस्कृत, प्राकृत सहित विभिन्न आधुनिक भाषाओं हिन्दी, मराठी और कन्नड़ का ज्ञान रखते हैं। उन्होंने लगभग 30,000 श्लोक प्रमाण संस्कृत, प्राकृत रचना कर चुके है उनके कार्य में आदि कित्तन्त्रं, जिन शासन सहरुनाम हित मणिमाला शामिल हैं।। मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज कई धार्मिक कार्यों में प्रेरणास्रोत रहे हैं।







जन्म
24 मई 1986 (जबलपुर शहर)
दीक्षा दिवस
08 नवम्बर 2011 (सागर शहर)
दीक्षा गुरु
आचार्य विशुद्ध सागर जी

दीक्षा आयु
25 वर्ष की आयु में दीक्षा ली

